सड़क किनारे टैटू गुदवाना सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसा करने से कैंसर, एड्स और दूसरे खतरनाक संक्रामक रोगों के शिकार बन सकते हैं। सड़कों के किनारे बैठकर टैटू गोदने का व्यवसाय करने वाले अनजाने में ही लोगों को भयंकर बीमारियां दे रहे हैं।
क्योंकि टैटू गोदने के लिए ये एक ही सुई को बार-बार इस्तेमाल करते हैं, जबकि चिकित्सकों के मुताबिक एक सुई का बार-बार इस्तेमाल सेहत के लिए घातक है। बस अड्डे के नजदीक महावीर चौक से इफ्को चौक की ओर जाने वाली सड़क पर दूर-दूर तक टैटू गोदने वाले लाइन लगाकर बैठे हैं।
ये लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। बगैर सुई बदले एक ही सुई से कई लोगों के शरीर में टैटू गोद रहे हैं। टैटू गोदने के दौरान सुई की तीव्रता से त्वचा पर खून उभर आता है और उसी खून में सनी हुई सुई से वह अगले ग्राहक का टैटू बनाने में लग जाते हैं।
टैटू बनाने वाले राजस्थान के करौली निवासी अंगद का कहना है कि 80 रुपये की एक सुई आती है। एक टैटू गोदने का न्यूनतम पचास रुपये चार्ज करते हैं। अगर वह हर बार नई सुई का उपयोग करने लगे तो उनका धंधा चौपट हो जाएगा। सुई और टैटू की कीमत में अंतर के कारण सुई बदलने से बचते हैं।
खुलेआम बिना सुरक्षा और सावधानियां बरते साइबर सिटी में टैटू गोदने का यह धंधा खूब फल फूल रहा है। सड़क किनारे बैठकर टैटू गोदने वाले लोग नाम गुदवाने के शौकीन ग्रामीण परिवेश के युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
किसी बड़े टैटू पार्लर की तुलना में यह कम पैसों में नाम गोद देते हैं, इसलिए खतरे से अनजान लोग खुद अपनी जान के दुश्मन बन रहे हैं।
चिकित्सक डॉ. अशोक तनेजा का कहना है कि बार-बार सुई के इस्तेमाल के लिए चिकित्सकीय क्षेत्र में कोई गुंजाइश नहीं है। अगर टैटू आर्टिस्ट ऐसा कर रहे हैं तो यह बहुत गंभीर मसला है।
सुई के बार-बार प्रयोग से सबसे अधिक खतरा एचआईवी पॉजिटिव होने का रहता है। प्रशासन को तत्काल इस पर रोक लगानी चाहिए और युवा खुद भी सावधानी बरतें।