सपा संरक्षण मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया गया है। मैनपुरी के अलावा रामपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव का घोषणा की गई है।
आजम खान की सदस्यता रद्द होने के बाद रामपुर विधानसभा में उपचुनाव होना है। चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि 5 दिसंबर को उपचुनाव की वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को रिजल्ट आएगा।
मुलायम के निधन के बाद उपचुनाव का ऐलान तो हो गया, लेकिन सवाल है कि मुलायम की मैनपुरी का सियासी वारिस कौन होगा? सवाल ये भी है कि जो भी मैनपुरी में मुलायम की विरासत संभालेगा, क्या उसका वही रिश्ता मैनपुरी की जनता से बन पाएगा जो मुलायम का था।
फिलहाल, बीते शुक्रवार को दिल्ली में लालू यादव से मुलाकात करने पहुंचे अखिलेश के बाद यह साफ लग रहा है कि तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की सियासत ऐसी थी कि 1989 से आज तक लोकसभा चुनाव में कोई भी मुलायम या उनके चुने हुए प्रत्याशी को शिकस्त नहीं दे सका।
1996 में मैनपुरी से ही जीतकर मुलायम सिंह यादव केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी बने।
2019 में आखिरी बार खुद नेताजी ने मैनपुरी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता। वर्तमान में वह मैनपुरी सीट से सांसद थे। इसमें 4 नाम सामने आते है।
शिवपाल यादव, धर्मेंद्र यादव और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है।
रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा होने के बाद आजम खान के विधायक की सदस्यता रद्द कर दी गई। आजम के लिए यह सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
आकाश दास सक्सेना की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह फैसला लिया था।