नई दिल्ली । Dev Sheokand
किसानों को धरना आज पांचवे दिन भी जोर शोर के साथ जारी है और किसान अपना आंदोलन वापिस लेने के लिए जरा सा भी मूड में नहीं हैं । सरकार के लिए किसान आंदोलन परेशानी का कारण बन गया है जिसका असर जनजीवन औैर अर्थव्यवस्था पर सीधा पड़ रहा है । आज गुरूनानक जयंती भी है। ऐसे में किसान सड़कों पर ही अरदास कर रहे हैं।बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड पर मौजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स और सिक्योरिटी बढ़ा दी है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को खत्म नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी।सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा MSP पर बेचा।किसान आंदोलन के चलते हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
किसानों ने ये भी किए एलान
1.बुराड़ी ओपन जेल है वहाँ हम नहीं जाएंगे 2.हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं। 3.किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। 4.इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है।