चंडीगढ़ । ( Dev Sheokand )
हरियाणा और पंजाब के बीच अब नया विवाद तेज हो गया है। हरियाणा का कहना है कि पंजाब ने विधानसभा भवन के 20 कमरों पर जबरन कब्जा कर रखा है। इस संबंध में हरियाणा विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया और पंजाब से ये कमरे हरियाणा को सौंपने की मांग की गई। इसके बाद हरियाणा के विधायकों के शिष्टमंडल ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात की।
हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की। प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को हरियाणा विधानसभा के 20 कमरों को लेने के लिए सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव की प्रति व एक ज्ञापन सौंपा। बदनौर ने भरोसा दिया है कि वह इस संबंध में उचित कार्यवाही करेंगे।
प्रदेश के वरिष्ठ नेता रहे मौजूद
प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, पुरातत्व एवं संग्रहालय मंत्री अनूप धानक, विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुडडा, विधायक रघुवीर सिंह कादियान और किरण चौधरी शामिल थे। ज्ञापन में कहा गया है कि विधानसभा भवन में हरियाणा के हिस्से के 20 कमरों पर पंजाब ने अवैध तौर से कब्जा किया हुआ है। आज हमारे कर्मचारियों के लिए, विभिन्न दल के नेताओं व मंत्रियों तथा समितियों की बैठक के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। ऐसे में तुरंत प्रभाव से हरियाणा को उसके हिस्से की जगह दिलाई जाए।
बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने आश्वासन दिया है कि वह विधानसभा के सही बंटवारे के लिए चीफ इंजीनियर को बुलाकर इस विषय की जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में तीन सदस्यीय एक कमेटी भी गठित की जाएगी। हरियाणा का हिस्सा अवश्य मिलेगा। बता दें कि हरियाणा काफी समय से यह मामला उठाता रहा है। हरियाणा का कहना है कि पंजाब ने उसको विधानसभा भवन में उचित हिस्सा नहीं दिया और उसके हिस्से के कमरों पर वर्षों से कब्जा किए बैठा है।