हरियाणा में 1100 महिला पुलिस भर्ती के रिजल्ट को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने भर्ती की मेरिट तैयार करने में जो नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल मैथड निकाला,
उससे उम्मीदवारों की मेरिट गड़बड़ा गई। आयोग ने यूपी में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा लागू किए गए
फॉर्मूले का सुझाव कोर्ट के समक्ष रखा है, जिस पर कोर्ट अब फैसला करेगा।
अब पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट तय करेगा कि महिला पुलिस भर्ती में कौन-सा पर्सेंटाइल मैथड लगाया जाए।
कोर्ट में मामले की सुनवाई 19 अप्रैल 2022 को थी।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने 1100 महिला पुलिस कांस्टेबल की भर्ती की थी।
एचएसएससी ने पहली बार इस भर्ती में उम्मीदवारों को सोशियो इकोनॉमिक के 20 अंक दिए गए थे।
यह अंक उन उम्मीदवारों को दिए गए, जिनके परिवार में पहले से कोई सरकारी नौकरी है या पिता की मौत हो गई है।
एचएसएससी ने जब इसका रिजल्ट तैयार किया तो 20 अतिरिक्त अंकों के चलते नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला लगाया गया,
जो नहीं लगना था। हालांकि यह फॉर्मूला भी स्टेटिकल इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का ही फॉर्मूला था।
रिजल्ट जारी होने के बाद कुछ महिला उम्मीदवारों ने इसे कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद जॉइनिंग पर रोक लगा दी गई।
कोर्ट में चयनित महिला उम्मीदवार अपनी मेरिट को सही ठहरा रहे हैं।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने भी माना कि मेरिट तैयार करने के लिए पर्सेंटाइल मैथड का गलत प्रयोग हुआ।
कमीशन ने कोर्ट के समक्ष यूपी में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा अपनाए गए फॉर्मूले को पेश किया।
इस फार्मूले को इलाहाबाद हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया है।
आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि हमने कोर्ट के समक्ष नया फार्मूला रखा है,
अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 मई को है।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने पहली बार महिला पुलिस और पुरुष कांस्टेबल की भर्ती में
सोशल इकोनॉमी के 20 अंक दिए थे। 1100 पुलिस महिला भर्ती चैलेंज होने के बाद यही फॉर्मूला पुलिस कांस्टेबल भर्ती में
भी लगाया गया था। इसलिए आयोग ने 5500 पुलिस कांस्टेबल का भी रिजल्ट रोका हुआ है।
हाइकोर्ट द्वारा फॉर्मूला सुझाए देने के बाद ही आयोग पुलिस कांस्टेबल की भर्ती में
वहीं फॉर्मूला लगाकर संशोधित मेरिट सूची तैयार करेगा।हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन ने दोनों भर्ती में
असली उम्मीदवारों की जगह नकली उम्मीदवारों के परीक्षा देने का भंडाफोड किया था।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस के दौरान करीब 133 उम्मीदवार ऐसे मिले, जिनके फिंगर प्रिंट या चेहरे का मिलान नहीं हो पाया।
इस पर आयोग ने पुलिस में करीब 5 एफआईआर दर्ज करवाई हैं।