यानी 20 किमी प्रतिघंटा की स्पीड लिमिट कम की जाएगी। इससे पहले यमुना एक्सप्रेस वे की स्पीड लिमिट को भी 100 से घटाकर 80 कर दिया गया है। ये लिमिट 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक लागू रहेगी।
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे दिल्ली को नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जोड़ता है। ये यमुना एक्सप्रेस वे को भी सीधे जोड़ता है। छह लेन का एक्सप्रेस वे 23 किमी का है। इसका 20 किमी का हिस्सा नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में आता है।
ऐसे में स्पीड लिमिट कम करने के लिए प्राधिकरण का नोएडा ट्रैफिक सेल विभाग ट्रैफिक पुलिस से बातचीत कर रहा है।
एनटीसी प्रभारी और डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए स्पीड लिमिट को कम किया जाएगा। ये एक व्यावहारिक प्रक्रिया है।
इसके अलावा एक्सप्रेस वे पर कोहरे में दिखने वाली रीफ्लैक्टर लाइट का प्रयोग भी बढ़ाया जाएगा। ताकि लोगों को वाहन चलाने में आसानी हो। बता दे एक्सप्रेस वे रोजाना करीब 10 से 12 लाख वाहन चलते है।
हालांकि नोएडा एक्सप्रेस वे पर दो अंडरपास का काम चल रहा है। यहां आमतौर पर जाम की स्थिति रहती है। लेकिन वर्किंग एरिया को कवर्ड कर यहां ट्रैफिक को स्मूद किया गया है। ऐसे में स्पीड लिमिट कम होने से वाहन चालकों को परेशानी नहीं आएगी।
नोएडा की मुख्य सड़कों पर 80 से स्पीड घटाकर 60, अंदर की सड़कों पर 60 से घटाकर 40 किमी प्रतिघंटा की स्पीड लिमिट तय की जाएगी। इस प्रस्ताव को मुख्य कार्यपालक अधिकारी के सामने रखा जाएगा। वहां से हरी झंडी मिलते ही साइन बोर्ड तैयार कर इसे सड़कों पर लगाया जाएगा। साथ ही आईएसटीएमएस के तहत लगे स्पीड डिटेक्शन कैमरों को भी इसी स्पीड के अनुसार फिक्स किया जाएगा।
नोएडा को दिल्ली और अन्य शहरों से जोड़ने के लिए तीन मुख्य सड़क है। इन सड़कों के दोनों ओर सेक्टर और गांव बसे हुए है। इसमें मास्टर प्लान रोड नंबर-1 , 2 और 3 है। इसके अलावा डीएससी (दादरी सुरजपुर छलेरा) रोड है। ये रोड दिल्ली को नोएडा और ग्रेटरनोएडा वाया कुलेसरा होकर जोड़ती है। इन चारों रोड पर अधिकतम स्पीड लिमिट 60 किमी प्रतिघंटा रखने का प्रस्ताव है। हालांकि डीएससी रोड शहर के बड़े बाजार यानी अट्टा और सेक्टर-18 को जोड़ता है। ऐसे में यहां स्पीड लिमिट कम की जाएगी।