हरियाणा में स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए तीन साल से चल रही प्रक्रिया के बीच अचानक से नियमों मेें बदलाव कर दिया गया है।
अब हरियाणा के बाहर के उम्मीदवार भी यहां स्टाफ नर्स के पद पर भर्ती हो सकेंगे।
स्टाफ नर्स की नियुक्ति के लिए वर्ष 2019 में निकली भर्ती में शामिल होने के लिए
युवाओं को हरियाणा नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी था,
लेकिन, अब इस अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। नए नियम में देश के किसी भी
प्रादेशिक नर्सिंग काउंसिल या भारतीय नर्सिंग काउंसिल के रजिस्टर्ड उम्मीदवारों को एक समान कर दिया गया है।
इससे प्रदेश के बाहर के युवा भी हरियाणा में स्टाफ नर्स के पद पर चयनित हो सकेंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे हरियाणा के बेरोजगार युवाओं पर कुठाराघात बताया है।
डिपार्टमेंट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा रविवार को 307 स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए
परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन भर्ती के लिए वर्ष 2019 की आवश्यक शर्तों मे बदलाव कर दिया गया।
इससे 15/2019 के तहत विज्ञापित पदों पर हरियाणा नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता खत्म हो गई।
सुरजेवाला ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित लगभग सभी प्रदेश जब केवल
अपने राज्यों के नर्सिंग काउंसिल के रजिस्टर्ड उम्मीदवारों को ही आवेदन करने का मौका देते हैं
तो पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले प्रदेश की सरकार अपने युवाओं के साथ यह भेदभावपूर्ण व्यवहार क्यों कर रही है।