चीन में कोहराम मचा है तो भारत में भी हलचल स्वाभाविक है। आख़िर कोरोना चीन से ही तो दुनियाभर में फैला था। चीन के भयावह हालात देखकर भारत सरकार ने एडवाइज़री जारी कर दी है- भीड़ में जाएँ तो मास्क ज़रूर लगाएँ और बूस्टर नहीं लगवाया हो तो तुरंत लगवाएँ।
भारत में पहले और दूसरे डोज़ तो ज़्यादातर लोगों ने लगवा लिए हैं, लेकिन बूस्टर अब तक केवल 27% लोगों ने ही लगवाया है। समय रहते चेतावनी जारी करके सरकार ने अच्छा किया है लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले लोगों को क्वारैंटाइन रखने के बारे में कुछ नहीं कहा। इस बारे में कोई नीति नहीं बनाएंगे तो आफ़त को आने से कोई रोक नहीं सकता।
पिछले सालों पहली और दूसरी वेव के दौरान हम इसका हश्र देख चुके हैं और उसके दुष्परिणाम भुगत भी चुके हैं। हाँ, केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर ज़रूर निशाना साधा है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि कोरोना की धमक सुनाई दे रही है। ऐसे में आपको भारत जोड़ो यात्रा रोक देनी चाहिए।
ये बात और है कि यह चिट्ठी लिखने तक सरकार ने कोरोना को लेकर कोई एडवाइज़री जारी ही नहीं की थी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने जब सवाल उठाया कि जब कोई एडवाइज़री जारी ही नहीं हुई है, ऐसे में आप यात्रा को रोकने के लिए कैसे कह सकते हैं?
विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखकर केंद्र सरकार घबरा गई है। सरकार बैक फुट पर आई और पूरे देश के लिए बुधवार दोपहर में एडवाइज़री जारी कर दी। … कि मास्क पहनें और बूस्टर लगवाएँ। रंग चोखा।
दरअसल, जब सत्ता पक्ष कोई सभा या रैली करता है तब कोरोना का कोई एहतियात आड़े नहीं आता। ऐसे में विपक्षी समारोहों पर सत्तापक्ष या सरकार द्वारा कोई टिप्पणी की जाती है तो सरकार पर सवाल उठना लाज़मी हो जाता है।