अफगानिस्तान में कब्जा जमाने के बाद से तालिबान ने महिलाओं के लिए कई तुगलकी फरमान जारी किए हैं.
अब तालिबान ने महिलाओं की फ्लाइट से यात्रा करने की आजादी को भी छीन लिया है.
अफगानिस्तान में एयरलाइंस को आदेश दिया गया है कि महिलाओं को फ्लाइट में तभी चढ़ने दिया जाए,
जब उनके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार हो.एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक
अफगानिस्तान की एरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर के दो अधिकारियों ने रविवार देर रात कहा
कि तालिबान ने उन्हें आदेश दिया है कि महिलाओं को पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा ना करने दी जाए.
अधिकारियों ने पहचान न उजागर करने की शर्त पर एएफपी को बताया कि तालिबान के प्रतिनिधियों,
दो एयरलाइनों और हवाईअड्डे के आव्रजन अधिकारियों के बीच गुरुवार को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से महिलाओं की स्वतंत्रता पर कई प्रतिबंधों को फिर से लागू किया गया है.
अफगानिस्तान के संबंधित मंत्रालय से जब इस फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि
महिलाओं के अकेले उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाने का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.
वहीं, तालिबान के साथ बैठक के बाद एरियाना अफगान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस आदेश के बारे में
एयरलाइन के कर्मचारियों को लेटर जारी किया. एएफपी ने तालिबान के इस लेटर के हवाले से
तालिबान के आदेश की पुष्टि की है.
इस पत्र में कहा गया है, ‘किसी भी महिला को
पुरुष रिश्तेदार के बिना किसी भी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रा करने की अनुमति नहीं है.
‘ एएफपी के मुताबिक दो ट्रैवेल एजेंटों ने भी पुष्टि की कि
उन्होंने एकल महिला यात्रियों को टिकट जारी करना बंद कर दिया है.
फ्लाइट में मौजूद एक यात्री ने एएफपी को बताया, ‘कुछ महिलाएं जो पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा कर रही थीं,
उन्हें शुक्रवार को काबुल से इस्लामाबाद के लिए काम एयर की फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई.
‘ एक अन्य सूत्र ने बताया कि अमेरिकी पासपोर्ट वाली एक अफगान महिला को भी शुक्रवार को दुबई जाने वाली
फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई. बता दें कि तालिबान में महिलाओं को
अधिकांश सरकारी नौकरियों और माध्यमिक स्कूल शिक्षा से बाहर कर दिया गया है.
साथ ही कुरान की सख्त व्याख्या के अनुसार कपड़े पहनने का भी आदेश दिया गया है.