पंजाब में सरकार बदलते ही किसानों की धरपकड़ शुरू हो गई है। खेती विकास बैंकों का कर्जा न लौटाने वालों पर
CM भगवंत मान की सरकार यह एक्शन कर रही है। इसके लिए राज्य में 2 हजार किसानों के
गिरफ्तारी वारंट तैयार हो गए हैं। इनमें कुछ नए हैं जबकि कुछ पुराने वारंट भी रिन्यू किए गए हैं।
सरकार को 71 हजार किसानों से 3200 करोड़ की वसूली करनी है।
इसका पता चलते ही किसान संगठन भड़क उठे हैं। उन्होंने सरकार को विरोध की चेतावनी दे डाली है।
हालांकि इस मुद्दे पर सरकारी अफसरों ने चुप्पी साध रखी है।
खेती विकास बैंक फिरोजपुर ने बस्ती रामवाड़ा के किसान बख्शीश सिंह को पकड़ा।
उस पर 11 लाख का कर्जा था। हालांकि बख्शीश सिंह ने लिखकर दिया कि एक महीने में कर्जा लौटा देगा।
जिसके बाद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। इसके अलावा खेती विकास बैंक जलालाबाद के
किसान सोमनाथ को 12 लाख के कर्जे के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसने 6.27 लाख दे दिए तो छोड़ा गया।
पंजाब में 60 हजार किसान डिफॉल्टर हुए हैं। जिन पर 2300 करोड़ का कर्जा बकाया है।
इनमें से ही फिलहाल सख्ती कर 1150 करोड़ वसूल करने की तैयारी है।
पिछले सीजन में बैंक सिर्फ 200 करोड़ ही वसूल कर सके थे।
संयुक्त समाज मोर्चा नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि AAP सरकार ने सहकारी बैंकों के
कर्जे की वसूली के लिए सहकारी संस्थानों को धारा 67A के तहत कर्मचारियों को यह छूट दी है।
इस धारा को बरनाला सरकार के वक्त सस्पेंड कराया गया था। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ वह चुप नहीं बैठेंगे।